Global Hematology Center - Best Hospital for Blood Cancer and Blood Disorders

- बेहद सामान्य होते हैं लक्षण
- स्ट्रोक, हार्ट अटैक जैसे जानलेवा जोखिमों का होता है खतरा

जयपुर। जितेंद्र सिंह हाल ही में रिटायर हुए हैं और शांत जीवन व्यतीत कर रहे हैं। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ उन्हें कमजोरी, जोड़ों में दर्द, थकान, नजर कमजोर होने जैसी समस्याएं भी होने लगी हैं। एक दिन उन्हें शरीर में ज्यादा दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो उन्होंने डॉक्टर से परामर्श डॉक्टर ने एतिहात के तौर पर उनका ब्लड टेस्ट कराया जिसमें उन्हें पॉलीसिथिमिया वेरा नामक गंभीर ब्लड कैंसर डायग्नोस हुआ। डॉक्टर ने उन्हें बताया कि रक्त में हुए विकार के कारण ही उन्हें ये समस्याएं हो रही थी।

क्या होता है पॉलिसिथिमिया वेरा -- What is Polycythemia Vera (PV)
भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के सीनियर हेमेटोलॉजिस्ट डॉ. उपेंद्र शर्मा (Dr. Upendra Sharma) ने बताया कि पॉलिसिथिमिया वेरा मुख्य रूप से रक्त कैंसर होता है जिसमें बोन मैरो में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं का तेजी से उत्पादन होना शुरू हो जाता है जिससे रक्त गाढ़ा होने लगता है। रक्त के गाढ़े होने के कारण मरीज को स्ट्रोक, हार्ट अटैक या खून का थक्का जमने की समस्या भी हो सकती है। महिलाओं की अपेक्षा यह पुरुषों में ज्यादा होता है। इसीलिए लक्षणों के प्रति सजग रहते हुए विशेषज्ञ से इस संबंध में परामर्श लेना चाहिए। जीन में परिवर्तन पॉलिसिथिमिया वेरा होने का प्रमुख कारण है।

बेहद सामान्य होते हैं लक्षण – Symptoms are very common
पॉलिसिथिमिया वेरा के लक्षण बेहद सामान्य होते हैं और ज्यादातर मरीज इसके लक्षणों को हल्के में लेते हैं। मरीज को सिरदर्द, थकान, नहाने के बाद खुजली, अधिक पसीना आना, जोड़ों में दर्द होना, सांस फूलना, बुखार आना, वजन कम होना, खून आना या नील पडऩे जैसे लक्षण सामने आते हैं जिनका मरीज प्राथमिक उपचार करा लापरवाही करते हैं। डॉ. उपेंद्र ने बताया कि पॉलिसिथिमिया वेरा एक दीर्घकालिक रोग है, जिसका उपचार संभव नहीं है। इसके इलाज में मरीज को लाल रक्त कोशिकाओं को कम करने की दवाएं दी जाती हैं और लक्षणों को व इससे होने वाली जटिलताओं को कम किया जाता है।